यूएई ने धार्मिक मामलों में एआई-संतुलित दृष्टिकोण का आह्वान किया

कुवैत, 6 अक्टूबर, 2025 (डब्ल्यूएएम) -- इस्लामिक मामलों, बंदोबस्ती और ज़कात के लिए सामान्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ. उमर हब्तौर अल दारई ने आधुनिक युग के अवसरों का लाभ उठाने की आवश्यकता पर बल दिया, जिनमें सबसे प्रमुख है कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), जो एक वास्तविकता बन गई है और जिसे एक संतुलित दृष्टिकोण के साथ अपनाया जाना चाहिए और मानवता, राष्ट्रों और धर्म की सेवा करने वाले तरीकों से उपयोग किया जाना चाहिए।

यह बात डॉ. अल दारई ने आज कुवैत में आयोजित खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) देशों में इस्लामी मामलों और बंदोबस्ती के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की 11वीं मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने के दौरान दिए गए भाषण में कही।

डॉ. अल दारई ने समय के साथ तालमेल बनाए रखने के एक व्यावहारिक मॉडल के रूप में यूएई के अग्रणी अनुभव की समीक्षा की और धर्मोपदेशों और मस्जिदों में एआई के एकीकरण और तीस साल पहले दिवंगत शेख जायद बिन सुल्तान अल नाहयान द्वारा शुरू की गई "एकीकृत धर्मोपदेश" पहल जैसी नवीन पहलों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने सह-अस्तित्व के मूल्यों को बढ़ावा देने, एक व्यापक विधायी ढांचे के माध्यम से धार्मिक मामलों को संचालित करने और सुव्यवस्थित एवं उन्नत पाठ्यक्रम के अनुसार धार्मिक दक्षताओं को योग्य बनाने में यूएई के प्रयासों की ओर भी इशारा किया।

मंत्रिस्तरीय बैठक में समाज की आवश्यकताओं को संबोधित करने वाले कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई, जिनमें पारिवारिक और पीढ़ीगत मुद्दे, धार्मिक, नैतिक और मानवीय मूल्यों का संवर्धन, बौद्धिक सुरक्षा में वृद्धि, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रति संतुलित दृष्टिकोण, साथ ही पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा संरक्षण शामिल हैं।