जिनेवा, 14 अक्टूबर, 2025 (डब्ल्यूएएम) -- सहिष्णुता और शांति के लिए वैश्विक परिषद के अध्यक्ष अहमद बिन मोहम्मद अल जरवान ने आज जिनेवा के पैलेस डेस नेशंस में शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए स्थानीय समाधानों पर एक परामर्श बैठक में भाग लिया, जिसका आयोजन संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) द्वारा जिनेवा शांति सप्ताह के एक भाग के रूप में किया गया था।
अपने संबोधन में, अल जरवान ने इस बात पर ज़ोर दिया कि वास्तविक शांति केवल अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों से प्राप्त नहीं की जा सकती, बल्कि इसे स्थानीय समुदायों के भीतर से ही - स्कूलों, घरों, युवा पहलों और सामुदायिक नेतृत्व के माध्यम से, और सम्मान और समझ के साथ मतभेदों को प्रबंधित करने की क्षमता को विकसित करके - प्राप्त किया जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि सहिष्णुता और शांति के लिए वैश्विक परिषद वर्तमान में संसदों, विश्वविद्यालयों और सांस्कृतिक संस्थानों के साथ साझेदारी के माध्यम से 100 से अधिक देशों में काम करती है ताकि सहिष्णुता और सह-अस्तित्व के मूल्यों को बढ़ावा दिया जा सके, साथ ही शिक्षा, संवाद और संयुक्त संसदीय कार्य के माध्यम से स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाया जा सके।
अल जारवान ने संघर्ष क्षेत्रों में जारी मानवीय चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला और कहा कि युद्ध समाप्त होने के बावजूद, गाजा और दुनिया के अन्य हिस्सों में मानवीय स्थिति गंभीर बनी हुई है।
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि ऐसी त्रासदियाँ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय पर मानवीय गरिमा की रक्षा और आशा की बहाली की नैतिक और मानवीय ज़िम्मेदारी डालती हैं।
अल जारवान ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सच्ची शांति सम्मान की भावना पैदा करने वाली शिक्षा, विभाजन के बजाय संवाद को प्राथमिकता देने वाले नेतृत्व और विविधता को खतरे के बजाय शक्ति के स्रोत के रूप में स्वीकार करने वाले समाजों से शुरू होती है।
उन्होंने शरणार्थियों की सुरक्षा, स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने और सीमाओं व धर्मों से परे शांति की संस्कृति के निर्माण के प्रयासों को मज़बूत करने के लिए यूएनएचसीआर और अन्य अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के साथ मिलकर काम करने की परिषद की तत्परता व्यक्त की।