अंतरिक्ष में यूएई की महत्वाकांक्षाएं 2024 में भी जारी रहेंगी, जिसकी शुरुआत लूनर गेटवे परियोजना से होगी

अबू धाबी, 9 जनवरी, 2024 (डब्ल्यूएएम) -- 2024 में यूएई ने अंतरिक्ष अन्वेषण में अपनी प्रभावशाली विरासत को आगे बढ़ाते हुए लूनर गेटवे परियोजना को लागू करने में अमेरिका, जापान, कनाडा और यूरोपीय संघ (EU) में शामिल होने की घोषणा की।

यह कदम इस क्षेत्र में अपने नेतृत्व को मजबूत करने वाले महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रमों और मिशनों की एक श्रृंखला के माध्यम से पिछले सालों में अपनी उपलब्धियों को आगे बढ़ाने के दृढ़ संकल्प की गवाही देता है।

21वीं सदी की इस प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय परियोजना में यूएई की भागीदारी अंतरिक्ष में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और सुविधा प्रदान करने, मानवता की सेवा करने और प्रगति और समृद्धि प्राप्त करने की प्रतिबद्धता को भी उजागर करती है और साथ ही अमीराती प्रतिभा और सबसे चुनौतीपूर्ण अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक परियोजनाओं में प्रभावशाली भूमिका निभाने की उनकी क्षमता में अपने विश्वास की पुष्टि करता है।

यह परियोजना पांच दशकों से अधिक की अनुपस्थिति के बाद चंद्रमा पर मानवता की वापसी में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है और इसका उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर उतरना और मंगल ग्रह की ओर भविष्य के मिशनों के लिए एक आधार स्थापित करना है। यूएई स्टेशन के क्रू और साइंस एयरलॉक मॉड्यूल को 15 साल तक संचालित करेगा, जिसे आवश्यकतानुसार बढ़ाया जा सकता है।

यूएई के पास एक स्थायी सीट होगी और वह दुनिया के सबसे बड़े चंद्र और अंतरिक्ष अन्वेषण कार्यक्रम में वैज्ञानिक रूप से योगदान देगा और चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्री भेजने वाले पहले देशों में से एक होगा, जिससे उसे स्टेशन द्वारा प्रदान किए गए वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग डेटा तक प्राथमिकता पहुंच प्रदान की जाएगी।

चंद्र अन्वेषण और सतह पर उतरने में यूएई की दिलचस्पी सितंबर 2020 से है, जब उसने "Rashid" नामक पहला अमीराती चंद्र रोवर विकसित और लॉन्च करके चंद्रमा का पता लगाने के लिए पहले अरब वैज्ञानिक मिशन की घोषणा की थी। पिछले साल अप्रैल में रोवर चंद्रमा की कक्षा में पहुंच गया और लैंडिंग वाहन से संपर्क टूटने से पहले सतह पर पहुंच गया।

इसके तुरंत बाद यूएई ने चंद्रमा का पता लगाने के लिए मोहम्मद बिन राशिद स्पेस सेंटर (MBRSC) के लिए "Rashid 2" नामक एक नए मिशन की घोषणा की, जो उन्नत चंद्र रोवर "Rashid 1" के डिजाइन और निर्माण में प्राप्त सफलता पर आधारित है। लैंडिंग का प्रयास करने से पहले चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने वाले पहले अमीराती और अरब खोजकर्ता बन गए।

इस साल 2024 "MBZ-SAT" के प्रक्षेपण का गवाह बनेगा, जो "KhalifaSAT" के बाद अमीराती इंजीनियरों की एक टीम द्वारा पूरी तरह से विकसित और निर्मित दूसरा उपग्रह है। अपनी महत्वपूर्ण तकनीकी प्रगति का लाभ उठाते हुए MBZ-SAT अत्यधिक उन्नत सेवाएँ प्रदान करेगा और यह दुनिया के सबसे उन्नत उपग्रहों में से एक है।

अनुवाद - पी मिश्र.