यूएई जेंडर बैलेंस काउंसिल ने जी20 महिला सशक्तिकरण बैठक में लिया भाग

अबू धाबी, 12 मई, 2025 (WAM) – 8 और 9 मई को दक्षिण अफ्रीका में आयोजित जी20 महिला सशक्तिकरण वर्किंग ग्रुप की दूसरी तकनीकी बैठक में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की जेंडर बैलेंस काउंसिल ने भाग लिया।

यूएई प्रतिनिधिमंडल में यूएई जेंडर बैलेंस काउंसिल की महासचिव मौज़ मोहम्मद अल गुवैस अल सुवैदी और रणनीतिक अध्ययन एवं विधायी निदेशक मैथा अल हाशिमी शामिल थीं।

प्रतिनिधिमंडल ने यूएई के उन राष्ट्रीय पहलों को प्रस्तुत किया जो लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देती हैं। काउंसिल की प्रस्तुति तीन प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित रही: लैंगिक आधारित हिंसा का उन्मूलन, देखभाल अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना, और आर्थिक समावेशन को बढ़ावा देना। इसके अतिरिक्त, उन्होंने नेतृत्वकारी भूमिकाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की रणनीतियों पर भी चर्चा की।

यूएई जेंडर बैलेंस काउंसिल की उपाध्यक्ष मोना गनैम अल मारी ने जी20 चर्चा में यूएई के ठोस योगदान और वर्किंग ग्रुप की प्राथमिकताओं तथा यूएई की महिला सशक्तिकरण योजनाओं के बीच तालमेल को रेखांकित किया।

उन्होंने यह भी बताया कि यूएई ने प्रगतिशील कानून निर्माण, संस्थागत समर्थन और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि शेखा मनाल बिन्त मोहम्मद बिन राशिद अल मक्तूम के नेतृत्व में कार्यरत यूएई जेंडर बैलेंस काउंसिल, अपने अनुभवों को साझा करने और वैश्विक स्तर पर सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

मौज़ अल सुवैदी ने बैठक में बताया कि वर्तमान में संघीय राष्ट्रीय परिषद में 50% सीटें और कैबिनेट में एक-तिहाई पद महिलाएं संभाल रही हैं, और न्यायपालिका, कूटनीतिक सेवाओं, तथा वरिष्ठ कार्यकारी भूमिकाओं में भी महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि हुई है।

उन्होंने जी20 मंच को ज्ञान-साझा करने और लैंगिक समानता के लिए सामूहिक प्रयासों का नेतृत्व करने के अवसर हेतु यूएई की ओर से आभार व्यक्त किया।

प्रतिनिधिमंडल ने लैंगिक समानता नीतियों की भागीदारी की समीक्षा और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान के लिए दक्षिण अफ्रीका की महिला, युवा और विकलांग मंत्री, सऊदी अरब की पारिवारिक मामलों की परिषद की महासचिव, भारत के महिला और बाल विकास मंत्रालय, इंडोनेशिया के प्रतिनिधि दल और सिंगापुर के सामाजिक और पारिवारिक विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से भी विचार-विमर्श किया।