न्यूयॉर्क, 24 जून, 2020 (डब्ल्यूएएम) -- संयुक्त अरब अमीरात ने दुनिया भर के बच्चों के अधिकारों को बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बच्चे और सशस्त्र संघर्ष पर अपनी वार्षिक खुली बहस में एक लिखित बयान में यूएई ने कहा, "कोविड-19 महामारी जीवन और आजीविका पर व्यापक और दीर्घकालिक प्रभाव डाल रही है। संघर्ष की स्थितियों में रहने वाले बच्चों के लिए यह अमानवीय स्थिति है।"
बच्चे और सशस्त्र संघर्ष पर नई रिपोर्ट के अनुसार, यूएई ने गठबंधन में संयुक्त राष्ट्र के समर्थन के तहत यमन में सशस्त्र संघर्ष में सभी नागरिकों विशेष रूप से बच्चों की रक्षा के लिए अटूट प्रतिबद्धता, एहतियाती और सुरक्षात्मक उपायों के तहत गठबंधन ने उनकी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कदम उठाए हैं। गठबंधन के अन्य सदस्यों के साथ यूएई ने दोहराया कि सशस्त्र संघर्ष में बच्चों की सुरक्षा पर अंतर्राष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत गठबंधन अपनी प्रतिबद्धताओं और दायित्वों को जारी रखेगा। यूएई ने मध्य पूर्व में बच्चों की कमजोर स्थिति पर चिंता व्यक्त की। इसके अतिरिक्त यूएई ने हौथी आतंकियों द्वारा मानवीय राहत प्रयासों में बाधा डालने पर गहरी चिंता व्यक्त की। साथ ही कड़े शब्दों में इसकी निंदा की। यूएई ने यह भी कहा कि मध्य पूर्व में चरमपंथी और आतंकवादी समूह जानबूझकर हत्याएं, अपहरण, आत्मघाती बमों के लिए भर्ती और इन समूहों द्वारा बच्चों के यौन शोषण सहित बच्चों के लिए एक गंभीर खतरा पैदा करते हैं। यूएई ने उल्लेख किया कि इसके मानवीय प्रयास उन बच्चों के दीर्घकालिक हितों के लिए हैं, जिन्हें संघर्ष से खतरा है। 2017 के बाद से यूएई ने यूनिसेफ और अन्य भागीदारों के साथ 59 देशों में 20 मिलियन बच्चों की शिक्षा का सहयोग करने के लिए काम किया है, जिसमें पिछले साल अकेले मोसुल और बगदाद में 16 स्कूलों का पुनर्निर्माण शामिल रहा। यूएई ने इराक और कोलंबिया में दो पायलट कार्यक्रमों को भी वित्त पोषित किया है जो शरणार्थियों और कमजोर प्रवासियों को भविष्य में उच्च शिक्षा और रोजगार के अवसरों के लिए यूनेस्को योग्यता पासपोर्ट प्राप्त करने में सहयोग देते हैं। अनुवादः एस. कुमार.
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