दावोस, 18 जनवरी, 2023 (डब्ल्यूएएम) -- वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की वार्षिक बैठक के दौरान दावोस में मोनाको के प्रिंस अल्बर्ट द्वितीय की मौजूदगी में क्रिसेंट इंटरप्राइजेज के सीईओ बद्र जाफ़र ने मोनाको फाउंडेशन के प्रिंस अल्बर्ट II के साथ जलवायु और प्रकृति सकारात्मक परोपकार पर एक उच्च स्तरीय कार्यक्रम की सह-मेजबानी की।
बैठक का उद्देश्य प्रमुख परोपकारी संगठनों के वैश्विक गठबंधन के शुभारंभ पर चर्चा करना था, जिसका उद्देश्य जलवायु, महासागर और जैव विविधता लक्ष्यों को संबोधित करने में सामूहिक प्रयासों को आगे बढ़ाने, गहन सहयोग और संसाधनों का लाभ उठाने की अनुमति देना था।
सत्र में COP28 के महानिदेशक माजिद अल सुवेदी ने भाग लिया, जिन्होंने COP28 के लिए यूएई के दृष्टिकोण और जलवायु व प्रकृति के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए परोपकारी पूंजी सहित पूंजी के सभी स्रोतों की क्षमता का उपयोग करने के महत्व पर बात की।
मोनाको के प्रिंस अल्बर्ट द्वितीय ने उपस्थित लोगों की सामूहिक भूमिका पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, “हम यहां कार्रवाई करने के लिए हैं। कोशिश करने और इस अजीब स्थिति को समाप्त करने के लिए जिसका अर्थ है कि परोपकारी संसाधनों का केवल एक छोटा सा हिस्सा एक ऐसे मुद्दे पर आवंटित किया जाता है, जो निस्संदेह मानव जाति के भविष्य पर पर्यावरण के संरक्षण पर सबसे अधिक प्रभाव डालता है।”
चर्चा में जलवायु और प्रकृति के लिए वैश्विक परोपकार गठबंधन की भूमिका पर प्रकाश डाला गया है, जो विशेष रूप से जलवायु, महासागर और जैव विविधता की रक्षा के लिए संसाधनों का लाभ उठाने में जलवायु संकट को संबोधित करने में सामूहिक प्रयासों को आगे बढ़ाना होगा।
क्रिसेंट एंटरप्राइजेज के सीईओ बद्र जाफ़र ने कहा, "जलवायु-केंद्रित परोपकारी और परोपकारी संगठनों के इस वैश्विक गठजोड़ को लॉन्च करने से वैश्विक विकास बाजारों में कई लोगों के लिए एक मंच भी उपलब्ध होगा, जिनमें से कई जलवायु परिवर्तन की अग्रिम पंक्ति में शामिल हैं और स्थानीय आवश्यकताओं के लिए सबसे उपयुक्त समाधानों को आगे बढ़ा रहे हैं। यह बदले में COP28 एजेंडे और उससे आगे के सहयोग में अभिनव हस्तक्षेपों के सह-निर्माण की अनुमति देगा और मिश्रित वित्तपोषण मॉडल के अवसरों की बेहतर पहचान करने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों के साथ रचनात्मक बातचीत में संलग्न होगा।”
डेटा से पता चलता है कि परोपकारी पूंजी का 2 फीसदी से भी कम जलवायु से संबंधित मुद्दों की ओर निर्देशित है, हालांकि पिछले पांच सालों में जलवायु परिवर्तन शमन के लिए परोपकारी फाउंडेशन फंडिंग तीन गुना से अधिक हो गई है, जो सालाना 900 मिलियन डॉलर से बढ़कर 3 बिलियन डॉलर हो गई है। हालांकि क्लाइमेटवर्क्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में जलवायु परिवर्तन शमन निधि प्राप्त करने वाले शीर्ष क्षेत्र अमेरिका, कनाडा और यूरोप थे।
सत्र के दौरान वक्ताओं ने जलवायु और प्रकृति के साइलो को तोड़ने और इस फंडिंग व संबंधित प्रभाव को बढ़ाने के लिए सहयोग करने की तत्काल आवश्यकता पर चर्चा की। उन्होंने जागरूकता और उत्प्रेरक पूंजी बढ़ाने में मदद करने के लिए विशेष रूप से विकास बाजारों से परोपकारी लोगों और संगठनों के अधिक विविध समूह को शामिल करने की रणनीतियों पर चर्चा की, जो बदले में जलवायु-प्रकृति गठजोड़ में निजी वित्त, आवश्यक सरकारी विनियमन और बहुपक्षीय प्रतिबद्धताओं को अनलॉक कर सकते हैं।
यह गठजोड़ वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के गिविंग टू एम्पलीफाई अर्थ एक्शन (GAEA) के साथ मिलकर काम करेगा। यह जलवायु और प्रकृति के लिए एक सार्वजनिक-निजी-परोपकार साझेदारी है, जो जलवायु कार्रवाई को उत्प्रेरित करने के लिए वैश्विक परोपकार को अपनाने के लिए बहु-हितधारक और बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण की मांग करता है।
अनुवाद - एस कुमार.
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