अमीराती महिलाओं की स्थानीय स्तर पर अच्छी संतुलित उपस्थिति है, विभिन्न चुनौतियों का समाधान करने में महत्वपूर्ण वैश्विक भूमिका: रिपोर्ट

अबू धाबी, 8 मार्च, 2023 (डब्ल्यूएएम) -- आज 8 मार्च को यूएई अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मना रहा है ताकि महिलाओं के सामने आने वाली वास्तविकताओं और चुनौतियों के साथ महिला सशक्तिकरण की दिशा में चल रहे प्रयासों को स्वीकार किया जा सके। यूएई ने सभी समुदायों में महिलाओं को बढ़ावा देने, उनकी स्थिति को मजबूत करने और उनके अधिकारों की रक्षा करने, महिला सशक्तिकरण में अपने स्थानीय अनुभव को आकर्षित करने के लिए पहल, कार्यक्रम और योजनाओं की एक श्रृंखला शुरू करके महिलाओं के मुद्दों का सहयोग करने के लिए अपने वैश्विक कद का लाभ उठाया है।

हाल के महीनों में यूएई ने विश्व स्तर पर और अरब क्षेत्र में लिंग अंतर, घरेलू हिंसा, सामाजिक व आर्थिक उपेक्षा और बौद्धिक व सांस्कृतिक बाधाओं को दूर करने के लिए कार्यक्रमों की मेजबानी की है और पहल शुरू की है। यूएई ने 21 और 22 फरवरी को 2023 ग्लोबल समिट ऑफ वूमेन की मेजबानी की, जो वोट देने और चुनावों में भाग लेने का अधिकार जीतने वाली महिलाओं की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर है। शिखर सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय महिला नेताओं ने भाग लिया, जिन्होंने महिलाओं को प्रभावित करने वाली कई चुनौतियों और शांति, एकीकरण और समृद्धि के सेतु बनाने के तरीकों पर चर्चा की।

अरब घोषणा शिखर सम्मेलन अबू धाबी में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ सभी प्रकार की हिंसा को समाप्त करने के लिए अरब घोषणा के आधिकारिक लॉन्च की मेजबानी के दो महीने बाद आयोजित किया गया था। घोषणा में महिलाओं के खिलाफ हिंसा को संबोधित करने और अरब समुदायों में सुरक्षा, भलाई, समृद्धि और शांति सुनिश्चित करने के लिए रणनीति अपनाने का आह्वान किया गया।

अरब लीग में सहायक महासचिव और सामाजिक मामलों के क्षेत्र के प्रमुख डॉ. हाइफा अबू गजलेह ने संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए प्रभावी कानूनी ढांचे को अपनाने के महत्व पर बल दिया और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और सुनिश्चित करने के प्रयासों में जनरल वुमन यूनियन (GWU) की अध्यक्ष, सुप्रीम काउन्सिल फॉर मदरहूड एंड चाइल्डहूड की अध्यक्ष व फैमिली डेवलपमेन्ट फाउन्डेशन (FDF) की अध्यक्ष "मदर ऑफ द नेशन" हर हाइनेस शेखा फातिमा बिन्त मुबारक की भूमिका की प्रशंसा की।

यूएई महिलाओं, शांति और सुरक्षा के लिए फातिमा बिन्त मुबारक पहल के माध्यम से शांति और सुरक्षा में महिलाओं की भागीदारी को प्राथमिकता देता है। नवंबर 2022 में रक्षा मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र महिला के सहयोग से जनरल वुमन यूनियन (GWU) द्वारा आयोजित अरब और अफ्रीकी देशों की 140 महिला प्रशिक्षुओं के अपने तीसरे बैच को इस पहल ने स्नातक किया। तीसरे बैच के छात्र यूएई, यमन, बहरीन, लाइबेरिया, सेनेगल, गाम्बिया, नाइजर, पाकिस्तान, चाड, केन्या, दक्षिण सूडान, तंजानिया और मॉरिटानिया सहित विभिन्न देशों से आए थे।

यूएई ने आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक रूप से महिलाओं को सशक्त बनाने में प्रगति की है और महिलाओं को सतत विकास में महत्वपूर्ण भागीदार मानता है। 7 फरवरी को हाल ही में हुए कैबिनेट फेरबदल में 10 महिला मंत्रियों को शामिल किया गया, जिससे सरकार में महिलाओं की भागीदारी 28.5 फीसदी हो गई। देश ने लिंग, जाति, रंग और राष्ट्रीयता के आधार पर कार्यस्थल भेदभाव को प्रतिबंधित करने वाला एक कानून भी जारी किया। इसने यूएई जेंडर बैलेंस काउंसिल स्ट्रेटेजी 2022-2026 को अपनाया, जिसका उद्देश्य देश को चार स्तंभों और आर्थिक भागीदारी, उद्यमशीलता व वित्तीय समावेशन, भलाई, जीवन की गुणवत्ता व सुरक्षा और नेतृत्व व वैश्विक साझेदारी के साथ लिंग संतुलन का एक वैश्विक मॉडल बनाना है।

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा जारी जेंडर बैलेंस रिपोर्ट 2022 में यूएई अरब क्षेत्र में पहले स्थान पर था और विश्व स्तर पर चार स्थान ऊपर चढ़कर 68वें स्थान पर पहुंच गया। अमीराती महिलाएं सामुदायिक विकास मंत्री शम्मा बिन सुहैल फारिस अल मजरुई के साथ यूएई की COP28 की मेजबानी में भाग लेने की तैयारी कर रही हैं, जिन्हें COP28 यूथ क्लाइमेट चैंपियन और रजन अल मुबारक को सम्मेलन के जलवायु चैंपियन के रूप में नियुक्त किया गया है। मार्च 2023 में खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) क्षेत्र में विदेश मंत्रालय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मंत्रालय, GWU और संयुक्त राष्ट्र महिला संचार कार्यालय ने "जलवायु परिवर्तन और लिंग संतुलन पहल" शुरू की।

यूएई में महिलाओं के पास फेडरल नेशनल काउंसिल (FNC) में 50 फीसदी सीटें, अमीरात यूथ काउंसिल और स्थानीय युवा परिषदों में 60 फीसदी कर्मचारी और संघीय व स्थानीय अधिकारियों के निदेशक मंडल के 24 फीसदी सदस्य हैं। शिक्षा क्षेत्र में 76 फीसदी महिला शिक्षक हाई स्कूल स्तर तक काम करती हैं और उच्च शिक्षा में महिलाओं का 37 फीसदी शैक्षिक संवर्ग है। स्वास्थ्य क्षेत्र में महिलाएं श्रम शक्ति का 63 फीसदी हिस्सा बनाती हैं।

अनुवाद - पी मिश्र.

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